"क्या पूंजीवाद का कोई विकल्प हैं?.... हाँ, वह विकल्प है :सह्करितावाद"
"सह्करिता हमें याद दिलाती हैं कि... आर्थिक व्यवहार्यता एवं सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन एक साथ किया जा सकता हैं"
"सहकारीकरण से समाज की उत्पादक अधोसंरचना की आधारभूत प्राथमिकता मुनाफा से आवश्यकता पूर्ति की ओर मुड़ जाती है. मुनाफा कमाना एक संख्यात्मक व अंतहीन उद्देश्य है, जबकि आवश्यकताओ की पूर्ति करना एक गुणात्मक व प्राप्ति योग्य उद्देश्य है."
"जीवन के हितार्थ धन का उचित प्रबंधन सहकारिता के माध्यम से ही संभव है.. किन्तु शर्त है कि वह एक सच्ची सहकारिता हो जहा पूंजी मनुष्य का नियंत्रण नहीं बल्कि मनुष्य पूंजी का नियंत्रण करता है"